जन्म: 14 फरवरी 1483 को, मध्य एशिया के फरगना (वर्तमान उज्बेकिस्तान) में।
परिवार: बाबर का जन्म तैमूर लंग के वंशज के रूप में हुआ था। उनके पिता, उमर शेख मिर्जा, और उनकी मां, कुतलुग निगार खानम थे।
शासन और विजय
प्रारंभिक जीवन: बाबर ने युवा अवस्था में ही फरगना और समरकंद पर अधिकार किया, लेकिन लगातार संघर्ष और आंतरिक विवादों के कारण कई बार अपनी सम्पत्ति खो दी।
भारत में आगमन: 1526 में, बाबर ने पानीपत की पहली लड़ाई में दिल्ली के सुलतान इब्राहीम लोदी को हराकर भारत में मुगल साम्राज्य की स्थापना की।
शासन: बाबर ने दिल्ली पर विजय प्राप्त की और दिल्ली और आगरा पर अपना नियंत्रण स्थापित किया। उन्होंने अपने शासनकाल में एक मजबूत प्रशासनिक प्रणाली स्थापित की और विभिन्न क्षेत्रों में सुधार किए।
साहित्य और कला
बाबरनामा: बाबर ने अपनी आत्मकथा "बाबरनामा" लिखी, जो उनके जीवन, अभियानों और ऐतिहासिक दृष्टिकोण को दर्शाती है। यह ग्रंथ उनकी जीवन यात्रा और मध्य एशिया और भारत के ऐतिहासिक संदर्भ में एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
कला: बाबर को एक उन्नत और कलाप्रेमी शासक के रूप में जाना जाता है। उन्होंने काबुल में एक उद्यान और बगीचों की स्थापना की, जो उनके समय की कला और संस्कृति की झलक प्रदान करते हैं।
मृत्यु और उत्तराधिकारी
मृत्यु: बाबर का निधन 26 दिसंबर 1530 को आगरा में हुआ।
उत्तराधिकारी: बाबर के निधन के बाद, उनके पुत्र हुमायूँ ने साम्राज्य की कमान संभाली और मुगलों का शासन भारत में जारी रखा।
विरासत
मुगल साम्राज्य की नींव: बाबर ने भारत में मुगलों के शासन की नींव रखी, जो आने वाले सदियों तक प्रभावशाली रहा।
सांस्कृतिक योगदान: उनकी कला और साहित्य के प्रति प्रेम ने भारतीय सांस्कृतिक परिदृश्य पर भी प्रभाव डाला।
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